हथवा माँ फूल, नयनवाँ माँ विनती,
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
देहियाँ कै दियना, परनवाँ कै बाती
झिलमिल-झिलमिल बरै सारी राती।
तबहूँ न कटै अन्हियार हो गंगा जी,
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
नगर पराया, डगर अनजानी
मनवाँ माँ अगिनि, नयनवाँ माँ पानी।
कब मिली अँचरा तोहार, हो गंगा जी
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
केहू नाही केहुके विपतिया कै साथी
दिनवाँ कै साथी, न रतिया कै साथी।
सुनै केहु न केहु क गुहार, हो गंगा जी
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
काउ कही गुलरी क फूल भये सुखवा
मनई न बूझै, मनई क दुखवा।
छन-छन धोखवा कै मार, हो गंगा जी
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
सीत-घात-बरखा माँ बरहो महिनवाँ
राति-दिन एक करै खुनवाँ पसिनवाँ।
तबौ रहै देहियाँ उघार, हो गंगा जी।
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
पिठिया पै बोझ लिहे, पेटवा माँ भुखिया
दिन-राति रोटी बदे, जूझा करै दुखिया।
तबहूँ न मिलत अहार, हो गंगा जी
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
पियरी चढ़ावै तोहइँ, गउवाँ कै गोरिया
छीछि पनियाँ माँ खेलै छपकोरिया।
धरती कऽ राजकुमार हो गंगा जी
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
जाने कब आँखि खोलि अंहगरे निहरिहैं
जाने कब गउवाँ क दिनवाँ बहुरिहैं।
कब मिली यनकाँ अहार हो गंगा जी।
सुनि लऽ अरजिया हमार हो गंगा जी।
कहाँ गयी निबिया जवान
पारस 'भ्रमर'
हमरे अँगनवा न बोलै सुगनवा,
अँखिया मा सिसुकै परान।
कहाँ गयी निबिया जवान?
निबिया के बिरवा कटाय दिहौ बाबा,
घर की चिरैया उड़ाय दिहौ बाबा।
उड़िगै नयनवाँ सयान॥
कहाँ गयी निबिया जवान?
निबिया कै चिफुरी चइलिया कै अगिया,
जरि-जरि होइगै कोइलवा से रखिया।
लागै जहनवा मसान॥
कहाँ गयी निबिया जवान?
सूनी है पुरई, सूने हैं पुरवा,
सूनी देहरिया है, सूने दुवरवा।
सूने ओसरवा सिवान॥
कहाँ गयी निबिया जवान?
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